आज देश भर मे सबसे बड़ी चर्चा का
विषय है 500 और 2000 के नोटों का | कैसे एक संबोधन ने पुरे देश को हिला के रख दिया
है | पर क्या आप जानते है कि इस मुहीम का विचार कैसे आया होगा मोदी जी के दिमाग मे?
शायद कभी भी नहीं या सोचा तो होगा पर आपको पता ना चला हो|
आज बतायेगे हम आपको कैसे एक कविता
ने किस तरह से देश को बदलने का विचार दिया | ये कविता डॉ. हरिओम जी ने प्रयागराज कवी
सम्मेंलन मे गायी थी । जरा ध्यान से सुनना हर इक लाइन को | क्योंकि हर इक लाइन मे छिपा
एक संदेश जिस पर अमल कर के मोदी जी ने ये सब
किया | सुनिये और अगर वाकई मे अच्छा लगे तो इसे इतना फैलाइये के हर इक इंसान को इसके
बारे मे पता लगे|